Thursday, August 25, 2011


अब तक अहिन्सा की क्रान्ती किताबो तक ही सिमीत थी. श्री अन्ना ने इस युग को इसका अनुभव करा दिया और जब की सारा विश्व हिन्सक क्रान्ती से भी नीजात नही पा रहा है. इस युग पुरुष ने भारत की सदियो से चली विरासत को नया आयाम देने कि दिशा मे बहोत ही अनमोल काम कर दिखाया. इस महान नेता को मेरा कोटी कोटी प्रणाम. विजयकुमार व्यास

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